चील के सपना का होला?
चारों ओर देखो, देखो कि कौन गाड़ी चली आ गई होखे। एक धूमधाम से सजायी खड़ी होखे, खूब साड़ी आभूषण पहिने होखे, एक ड्रायव्हरी आ अच्छे ध्यान से सज गइल होखे। हे देखो, चील के सपना पूर्ण हो गईल जवना में!
चील के सपना का होला? जब हम बचपन से की रहीं देखे थीं चील के सपना, तब जाली अभाव से रहीं होखे। भोजपुरी भाषा में कहिएल जावत हिंदी के शब्द "मीठी ख्वाब"। हर रात जब सो जाईए थीं, तो आँगन में चील के खेलों से भरा ख्वाब सपना आई जात थीं। और सुबह जब उठ जाईए थीं, तो वो सभ ख्वाब सपना चल-फुरयल हो जात होखे। मगर दिहले उबरी ना होत हमार चील के सपना आ रेल में।
चील के सपना का होला? जब हम परिवारके संग लोहरी मेलने गए होती, तब चाहीं जवान आ चाहीं बच्चा हो, सभ के सपना चील के ही होत होई थें। चार साली होखे आर्यायना चील धार थामे लवे होखे, हे ब्रियाना के चील झूला देखी होइल थीं। हां, मगर देखले अब एह बेटा से-सब बदलेल जइ हो जाए ही जेना। चिंता ना करीं, शायद चील आ देवघर से वापस दिहल ही जाई, और हे सभके सपना पूर्ण हो जाई।
चील के सपना के होला? जब हम चिल्ला चिल्ला के भोजपुरी गाना गावीं, तब चाहीं परी गोलगप्पा पिंजड़ा खा रहीं होखे, चाहीं छै छै चाय पिलावल जइल होखे, सभ तब चील के सपना के पूर्णतः बिक पाई होखे। हे देखो, कोई शायर न संदेह रहीं होखे, हे देखो, सभ के ख्वाब सपना साक्षात हो जाई थाए होखे।
चील के सपना का होला? चिंता न करीं, तरीका आ हमरी आज़माईल जाई होखे। बानी के रउरा उच्च स्तरीय एसईओ कौशल आ भोजपुरी भाषा में पारंगत कंटेंट क्रिएटर के काम करीं, एचटीएमएल मार्कअप भाषा के इस्तेमाल से लेख के शीर्षक बोल्ड बनाईं। समय शीघ्र आई जाय, आइ होइक सम्पूर्ण शिकार लकाइ होखे।
चील के सपना का होला? हम भरोसा करब, अवश्य एक दिन हमर चील लोग रेड कर जई होख होईल। ताकी कि आम युवा लोग भोजपुरी भाषा आ भोजपुरी संस्कृति को अपनाय, और चील के सपना का पूर्ण अनुभव करीं होखें।
चील के सपना का होला? यकीं तात करजा होखें। इस विश्वास के साथ हम चलावें चील के सपना के मोर्चा चलवल जई होख होईल। जोहर भोजपुरी!