पूरा गहूम के रोटी की अछि

पूरा गहूम के रोटी की अछि

गहूं सभी अनाजों में सबसे प्रमुख एवं महत्वपूर्ण अनाज है। इसकी ही सहायता से हम अन्न प्राप्त करते हैं और आदमी भी अन्न प्राप्त कर सकता है। एक पुराना कहावत है कि, "खाये बिना गहुँ और नाचे बिना गायुं"। इस कहावत से ही हम बहुत कुछ सीख सकते हैं, क्योंकि गहूं वास्तव में फसलों का राजा होता है।

गहूं से हम ढाबे वाली चापाती, पूड़ा, परांठा, नान और भी बहुत सारे व्यंजन बना सकते हैं। ये सभी भोजन विभिन्न रूपों में बनाए जाते हैं और हर किसी को अत्यधिक पसंद आते हैं। गहूं की रोटी एक ऐसा व्यंजन है जिसे हर कोई पसंद करता है। इसकी स्वादिष्टता और स्वस्थता को देखते हुए, इसे हर घर में खाने की सबसे पसंदीदा अनाज माना जाता है।

हालांकि, आधुनिक समय में तेल और मसालों की कमी के चलते लोग गहूं की रोटी से दूर हो रहे हैं। वे नए-नए प्रकार के रोटी तो खाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनमें से कुछ कामयाब हो पा रहे हैं और कुछ हार रहे हैं। हमारी मैथिली भाषा में लोग गहूं से बनाए जाने वाली रोटी को "सातू की रोटी" कहते हैं। इस रोटी की विशेषता यह है कि इसमें गहूं के अलावा भी कई अन्य अनाजों का प्रयोग होता है।

गहूं की रोटी अपनी पोषक गुणों के लिए भी जानी जाती है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, सुगंधित तेल, विटामिन, मिनरल्स आदि मौजूद होते हैं। इसलिए इसे दिनभर के भोजन की जगह लिया जा सकता है। गहूं की रोटी में प्रकृति के सभी आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता होती है, जो कि शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होती है।

गहूं की रोटी खाने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बना रहता है और ध्यान भी लगता है। इसके साथ ही यह पेट को भराकर भूख बुझाने का कार्य करती है और रोगों से बचाव करने में मदद करती है। गहूं की रोटी में इतनी महत्वपूर्ण ऊर्जा मौजूद होती है कि इसका नियमित सेवन करने से आपके शरीर का बाउन्स बना रहता है और आप दिनभर अच्छा महसूस करते हैं।

गहूं की रोटी में विटामिन ई और विटामिन बी के अलावा फाइबर, ऑमिगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है। विटामिन ई शरीर को स्वस्थ रखता है, विटामिन बी नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखने में मदद करता है, फाइबर पाचन तंत्र को सुधारता है, ऑमिगा-3 फैटी एसिड मस्तिष्क के लिए अत्यंत लाभकारी होता है, प्रोटीन शरीर के उपयोग के लिए आवश्यक होता है और फोलिक एसिड नवजात शिशु की स्वस्थ विकास के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है।

गहूं की रोटी खाने से होने वाले लाभों के अलावा, इसके आसानी से बनाने और खानेवाले को तृप्त करने की खासियत भी है। यह एक आसान तरीके से बनायी जाती है और घरेलू बाजारों में उपलब्ध होने के कारण सभी के द्वारा सरलता से खाई जा सकती है। इसके लिए बाहर खाना खर्च करने की जरूरत नहीं होती है और बच्चों का तन-मन भी खुश रहता है।

अतः, गहूं की रोटी का सेवन करके हम स्वस्थ और मनोहारी भोजन का आनंद उठा सकते हैं। इसमें कीजिए बार-बार रूचिले टॉपिंग्स जैसे धनिया-पुदीना चटनी, प्याज, केसर, नींबू, सही मिर्च इत्यादि का उपयोग कर आप इसे और भी स्वादिष्ट बना सकते हैं। अपने रोटी के बराबर कर्णल मक्के की ऍकर माश रोटी, सारी कोंक या बार्ली भी इसके समान गुण सम्पन्न हैं।

लेकिन यह सब अनाज एकटाल, भिन्न-भिन्न रूप में आते हैं। हम इस अनाज समय-समय पर किसी अनाज के प्रति ही दृष्टि रख सकते हैं, क्योंकि इनमें से प्रत्येक अनाज की खासियत अपनी होती है। इसलिए, गहूं क

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